लोग
नगर-नगर हर डगर चले लोग,
अपनी परछाइयों से पीछा छुड़ाने को लोग,
खो गये भीड़ में कहीं,
अब अपने आप को ढूंढ़ते हैं लोग।
प्रियदर्शन कुमार
नगर-नगर हर डगर चले लोग,
अपनी परछाइयों से पीछा छुड़ाने को लोग,
खो गये भीड़ में कहीं,
अब अपने आप को ढूंढ़ते हैं लोग।
प्रियदर्शन कुमार
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