झूठ ही सही लेकिन तुम बोलो
झूठ ही सही लेकिन तुम बोलो अच्छा लगता है सुनने में मुझे। अब तो आदत-सी पड़ गई है। झूठ के साथ जीना सीख लिया है मैंने तुम बोलो कि सत्ता में आने के बाद सबको रोजगार दूँगा तुम बोलो कि सबको रहने के लिए छत उपलब्ध करवाऊँगा तुम बोलो कि किसी को भूखा नहीं सोने दूँगा तुम बोलो कि किसी बच्चे की सांसे नहीं छीनी जाएगी तुम बोलो कि किसी के आँखों में आँसू नहीं होने दूँगा तुम बोलो कि किसानों को आत्महत्या करने की जरूरत नहीं पड़ेगी तुम बोलो कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण करूँगा तुम बोलो कि जातिवाद और साम्प्रदायिकता से मुक्त भारत का निर्माण करूँगा तुम बोलो कि समता आधारित समाज का निर्माण करूँगा तुम बोलो कि सामाजिक आर्थिक राजनीतिक न्याय उपलब्ध करवाऊँगा झूठ ही सही लेकिन तुम बोलो अच्छा लगता है सुनने में मुझे अब तो आदत-सी पड़ गई है झूठ के साथ जीना सीख लिया है मैंने। प्रियदर्शन कुमार