प्रतिकार
बहुत बांटे घर-घर जाकर तूने पर्चे,
पर बांट न पाया प्यार को।
जा तुझे नकार दिया,
रोक न पाया तू जनता के प्रतिकार को।।
प्रियदर्शन कुमार
बहुत बांटे घर-घर जाकर तूने पर्चे,
पर बांट न पाया प्यार को।
जा तुझे नकार दिया,
रोक न पाया तू जनता के प्रतिकार को।।
प्रियदर्शन कुमार
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