प्रतिकार

बहुत बांटे घर-घर जाकर तूने पर्चे,
पर बांट न पाया प्यार को।
जा तुझे नकार दिया,
रोक न पाया तू जनता के प्रतिकार को।।
प्रियदर्शन कुमार

टिप्पणियाँ

हत्या कहूं या मृत्यु कहूं

हां साहब ! ये जिंदगी

ऐलै-ऐलै हो चुनाव क दिनमा

अलविदा 2019 !