अतीत बनाम वर्तमान

अतीत बनाम वर्तमान
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        अतीत और वर्तमान के बीच अपनी-अपनी प्रमुखता को लेकर बहस चल रही थी। वर्तमान ने अतीत से कहा कि तुम मेरे विकास में बाधक हो। मैं जब भी तुम्हें भूलाने की कोशिश करता हूँ और अपने स्वतंत्र अस्तित्व की बात करता हूँ तथा भविष्य को संवारने की कोशिश करता हूँ तो तुम मेरे कदम को पीछे खींचते हो।मैं तुमसे कोई रिश्ता नहीं चाहता। अतीत ने नाराजगी जाहिर करते हुए वर्तमान से कहा कि तुम मेरे उपर गलत आरोप लगा रहे हो। हां, यह सच है कि मैं हमेशा तुम्हारे पीछे लगा रहता हूँ। तुम मुझे लाख भूलाने की कोशिश करते हो लेकिन मैं ऐसा नहीं होने देता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं तुमसे जलती हूँ या तुम्हारे प्रगति के मार्ग में बाधक हूँ। मैं इसलिए तुम्हारा साथ नहीं छोड़ता हूँ कि कहीं तुम्हारे अंदर घमंड न आ जाए जो कि किसी भी मनुष्य के विनाश का कारण होता है। तुम्हारे अंदर जो परिवार और समाज के प्रति आदर का भाव था, संवेदना और सहानुभूति का भाव था, सुख-दुख में सहभागिता थी, वो खत्म न हो जाए या तुम भूल न जाओ। अक्सर लोग ऊंचाइयों पर जाने के बाद परिवार और समाज से कट जाते हैं और अपने समान स्टेटस वाले लोगों से संबंध जोड़ लेते हैं तथा अपने नीचे वाले को हेय की दृष्टि से देखने लगते हैं। ऐसी स्थिति तभी उत्पन्न होती है जबकि वह मुझसे पीछा छुड़ाने की कोशिश करता है या मुझे भूलने की कोशिश करता है।मैं तुम्हें हमेशा अहसास दिलाती हूँ कि तुम किन-किन परिस्थितियों एवं मुसीबतों का सामना करते हुए इस मंजिल तक पहुँचे हो। मंजिल तक पहुँचने में तुम्हें किन-किन बैसाखियों का सहारा लेना पड़ा।कहीं तुम उन बैसाखियों को भूल तो नहीं गये हो। अतीत, वर्तमान और भविष्य का नींव होती है जिसपर मजबूत इमारतें खड़ा होता है। मैं तुम्हारे अंदर अहं के प्रवेश के द्वार को बंद करने में मदद करता हूँ और मानवीय गुणों से लैस करता हूँ। तुम्हारा अस्तित्व मेरे कारण ही है। वर्तमान अतीत की बातों पर सहमति जताते हुए उसकी बात को स्वीकार करता है। दोनों एक-दूसरे से गले मिलते हैं और हँस पड़ते हैं। इस तरह दोनों, दोनों की प्रमुखता स्वीकार करते हैं। इस प्रकार दोनों के बीच का मनमुटाव खत्म होता है।
          प्रियदर्शन कुमार

टिप्पणियाँ

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अलविदा 2019 !