आशा

आशा
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धूंधला-सा हो गया हूँ मैं
धूंधली-सी हो गई है मेरी छाया
ढ़ल गया है दिन
छा गया है अंधेरा
इंतजार है उसे भी
इंतजार है मुझे भी
ये दिन भी गुजर जाएगा
हमारे भी आएंगे अच्छे दिन
समय-समय की बात है
दिन होता नहीं है हमेशा एक समान
हारना नहीं सीखा है हमने
लड़ रहा हूँ मैं खुद से
लड़ रहा हूँ मैं समय से
लड़ने के सिवाय कुछ भी
नहीं है मेरे बस में
मानकर चलता हूँ मैं
मेहनते बेकार नहीं जाती
यह रंग तो लाएगी
थोड़ी देर से ही सही
आशा है मुझे
निराशा नहीं मुझे।
प्रियदर्शन कुमार

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