तू जिंदगी को मत कोस तू मत हो उदास यूं बैठ

तू जिंदगी को मत कोस
तू मत हो उदास यूं बैठ
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तू जिंदगी को मत कोस
तू मत हो उदास यूं बैठ
तू कर्म कर तू कर्म कर
तू फल की चिंता मत कर
तू नित अपने पथ पर
आगे बढ़ता चल बढ़ता चल
तू अपने लक्ष्य की ओर
खुद को आत्मकेंद्रित कर
तू चिंतन कर, मत चिंता कर
तू कर्तव्य पथ पर एकनत होकर
आगे बढ़ता चल बढ़ता चल
रास्ते में बाधाएँ आती हैं
और आती ही रहेंगी
रूकना नहीं ठहरना नहीं
तू इन बाधाओं को तोड़ते हुए
आगे बढ़ता चल बढ़ता चल
तू मत सोच कि जिंदगी तुम्हें
किस मुकाम पर ले जाएगी
तू खुद को समय पर छोड़ दे
वो खुद ब खुद फैसला कर देेगी
तू मत बैठ नियति के भरोसे
तू मत खुद भाग्य का फैसला कर
तू मत हो निराश जिंदगी से
जो होगा अच्छा ही होगा
तू चेहरे पर हमेशा मुस्कान रख
तू मत उलझ जिंदगी की उलझनों में
जिंदगी का हिसाब-किताब टेढ़ा-मेढ़ा है
तू चट्टान की तरह खड़ा रह
तू खुद को मत टूटने दे
तू खुद के हौसले को बुलंद कर इतना
कि सफलता तुम्हारे कदम चूमे
तू कर्म कर तू कर्म कर
तू नित अपने पथ पर
आगे बढता चल बढ़ता चल।
              प्रियदर्शन कुमार

टिप्पणियाँ

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