जीवन

जिंदगी
===========
जीवन में न जाने
कितने ही दौर आते हैं
कभी सुख कभी दुख
कभी हँसना कभी रोना
कभी हैरान कभी परेशान
कभी अच्छा कभी खराब
कभी भला कभी बुरा
कभी मिलना कभी बिछड़ना
कभी अपनो का साथ कभी परायों का
कभी प्यार कभी वेदना
कभी सम्मान कभी अपमान
कभी आँसू कभी मुस्कान
कभी सफलता कभी असफलता
कभी आशा कभी निराशा
कभी यश कभी अपयश
कभी हार कभी जीत
कभी उपर कभी नीचे
बस, यूं ही कट जाती है
इंसान की सारी जिंदगी
धरा का धरा रह जाता है
सबकुछ यहीं पर
ठहर जाती है जिंदगी
सांसों की डोर थमने से।
        प्रियदर्शन कुमार

टिप्पणियाँ

हत्या कहूं या मृत्यु कहूं

हां साहब ! ये जिंदगी

ऐलै-ऐलै हो चुनाव क दिनमा

अलविदा 2019 !