हिन्दी

बदल रही है देश की आबोहवा,
अंग्रेजीदां लोगों से,
सिमट रही है हिन्दी,
अंग्रेजीदां लोगों से,
हम खो रहे हैं अपनी पहचान,
अंग्रेजीदां लोगों के कारण से,
अपने ही देश में लड़ रही है हिन्दी,
अपने अस्तित्व बचाने को,
मुट्ठी भर आए थे अंग्रेजीदां ,
अपने में समेट ले लिया पूरे भारत को,
कर दिया भारत का विभाजन अंग्रेजीदां ने,
भारत और इंडिया में,
कर रहे हैं शासन,
अल्पसंख्यक बहुसंख्यकों पर,
किया है हम पर कुठाराघात,
अंग्रेजीदां लोगों ने,
मारे-मारे फिर रहे हैं हम,
अपनी पहचान को बचाने को,
लड़ रहे हैं हम, 
हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने को।
                  प्रियदर्शन कुमार

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