ओ मजदूर ओ मजदूर

ओ मजदूर ओ मजदूर
तुम्हीं हो क्रांति के दूत
बड़ी-बड़ी अट्टलिकाएं बनी परी है
तुम्हारे मेहनत का ही नतीजा है
तुम्हारे कारण ही वे
ऐशो-आराम की जिंदगी जीते हैं
उल्टे तुम्हारा ही खून चूसा जाता है
तुम्हें ही शूली पर चढ़ाया जाता है
ओ मजदूर ओ मजदूर
तुम्हीं हो क्रांति का दूत
क्यों नहीं तुम एक हो जाते
क्यों नहीं आतताइयों के खिलाफ आवाज उठाते
क्यों नहीं अपने हक के लिए आगे आते
क्यों नहीं देश में क्रांति की लहर जगाते
ओ मजदूर ओ मजदूर
तुम्हीं हो क्रांति के दूत
कब तक तुम यूं ही चुपचाप
नियति के भरोसे बैठे रहोगे
कब तक तुम यूं ही जोकटियों से
अपना खून चुसवाते रहोगे
कब तक तुम यूं ही लुटेरों के हाथों
खुद को लूटवाते रहोगे
कब तक तुम यूं ही इनलोगों के हाथों का
खिलौना बने रहोगे
ओ मजदूर ओ मजदूर
तुम्हीं हो क्रांति के दूत
तुम्हीं ने दुनिया को क्रांति का पाठ पढ़ाया
तुम्हीं ने दुनिया में क्रांति का बिगुल बजाया
तुम्हीं ने कितने ही साम्राज्य का तख्ता पलट किया
तुम्हीं ने इनलोगों को घुटने टेकने को मजबूर किया
ओ मजदूर ओ मजदूर
तुम्हीं हो क्रांति के दूत
तुम अपने इतिहास को मत भूलो
तुम अपने अतीत से प्रेरणा लो
तुम अपने आपको को एकजुट करो
तुम अपने और अपने देश को आगे बढ़ाओ
ओ मजदूर ओ मजदूर
तुम्हीं हो क्रांति के दूत
तुम्हीं हो इस देश का निर्माता
तुम्हीं हो भारत का भाग्य विधाता
तुम अपने आपको को पहचानों
अपनी शक्ति का संधान करो
ओ मजदूर ओ मजदूर
तुम्हीं हो क्रांति के दूत।
        प्रियदर्शन कुमार

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