मा.. एँ मरती नहीं कभी

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माँ.. एँ मरती नहीं कभी
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माँ.. एँ मरती नहीं कभी
वो रहती हैं हम साया बनके
हमेशा हमारे साथ
जब भी दुखित मैं होता हूँ
मुख से निकलता यकायक माँ
एक क्षण में मानो जैसे
मेरा सारा दुख हर लिया हो कोई
वह कोई और नहीं
वह माँ है मेरी
जिसकी दुआएं हमेशा
रहती है मेरे साथ
बेचैन मन शांत हो जाता है
दुख की दवा मिल जाती है
मैं जहां भी जाता हूँ
मेरी माँ की दुआएँ
मेरे साथ चलती है
वह कहती है कि
तू आगे बढ़
मत देख पीछे मुड़कर
मैं हूँ, तू मत सोच,
तू आगे बढ़
वह मुझे हौसला देती है
हमेशा आगे बढ़ने की
जब भी ठेस लगती है
उसकी दुआएं मुझे
थाम लेती है
मैं फिर उठ खड़ा हो
चल पड़ता हूँ
अपने पथ पर
माँ, माँ होती है
माँ.. एँ मरती नहीं कभी
वो रहती हैं हम साया बनके
हमेशा हमारे साथ।
   प्रियदर्शन कुमार

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