मत बांधो मुझे


मत बांधो मुझे (31/03/2017)
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मत बांधों मुझे
माया-मोह के बंधन में।

मैं आजाद होकर उड़ना
चाहता हूँ उनमुक्त गगन में।

चाहता हूँ छू लेना
उस चरम बिंदु को।

चाहता हूँ देख लेना
अपने सामर्थ्य और
अपनी सीमाओं को।

चाहता हूँ ऐसा कुछ कर जाना
कि दुनिया मुझे मेरे नाम से जाने
मेरे मरने के बाद भी
मुझे सदा याद रखें।

बस यहीं एक अभिलाषा है मेरी
और नहीं चाहता मैं कुछ भी।
                प्रियदर्शन कुमार

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