आईना

आईना
(05/07/2017)
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जब भी आईने पर चढ़ें
धूल के परत को हटाता हूँ
मुझे मेरा वास्तविक चेहरा
नज़र आता है
हो जाता है मेरा
सच्चाई से सामना
जिसे मैं झुठला
भी नहीं सकता
और न ही नजरें
चुरा सकता हूँ
यह एक तरफ यदि
मुझे मेरी शक्ति और
मेरे सामर्थ्य से
परिचय करवाता है तो
दूसरी तरफ यह
मुझे मेरी कमजोरियों से
भी रूबरू करवाता है
यह मेरा मार्गदर्शन
भी करता है
यह मुझे खुद से 
बातें करने के लिए
उत्प्रेरित करता है
जब भी आईने पर चढ़ें
धूल के परत को हटता हूँ
मुझे मेरा वास्तविक चेहरा
नज़र आता है।
प्रियदर्शन कुमार

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